श्याम का सपना हकीकत बनता था

प्राचिन समय की बात है बूढ़नपुर गाँव में एक बूढ़ी औरत रहती थी उसका एक पुत्र था पुत्र का नाम श्याम था वह औरत कपड़ों की सिलाई का कार्य किया करती थी और अपने परिवार का पेट पालती थी। श्याम बहुत ही कमजोर और आलसी लड़का था। और रातों दिन सपने देखता था। श्याम के साथ एक बहुत ही बड़ी परेशानी थी कि वह हमेशा बुरे सपने देखता था। और जब भी वह कोई सपना देखता वह सपना सही हो जाता था।



एक दिन श्याम को एक सपना दिखता है कि कुछ डाकू लोग नव विवाहित दम्पत्ति और बारातियों को लूट रहे हैं और उनके मारपीट कर रहे हैं। श्याम ने जिस लड़की को अपने सपने में देखा था वही दुल्हन बनने वाली लड़की शादी का लंहगा लेने के लिये पास वाली दुकान पर आती है। श्याम तुरन्त अपने सपने वाली बात को लड़की से कहता है। वह लड़की उस बात को अपनी माँ और सुसराल वालों को यह बात बताती है। लेकिन सभी लोग सपने की बात समझकर उसे अनसुना कर देते हैं।

शादी होने के बाद जब वर-वधु बारात के साथ जा रहे होते हैं तो श्याम के द्वारा बताई गई सपने वाली बात घटित हो जी है। और इस घटना के घट जाने के बाद श्याम पर आरोप लगते हैं कि वह भी उन लुटेरों में मिला होगा। वरना उसे कैसे पता चलता कि ऐसा होने वाला है। और इस शक होने की वजह से लोग मिलकर श्याम की खूब पिटाई करते हैं। श्याम कापफी घायल हो जाता है।

श्याम का घाव अभी भरा भी नहीं था कि एक रात श्याम को एक सपना दिखता है कि मोहल्ले में रहे सोनू सेठ का नया मकान गृहप्रवेश के दिन जलकर खाक हो जाता है। तभी अगले ही दिन सोनू सेठ अपने मकान बनवाने की खुशी में श्याम को पार्टी में इनवाईट करने के लिये उसके घर आते हैं और गृहप्रवेश समारोह के दिन जलसे में और पार्टी में आने का न्योता देता है।

अपने सपने की बात श्याम सोनू सेठ के सामने कह देता है और सोनू उसपर बहुत ही गुस्सा हो जाता है। और श्याम की माँ को बोलता है तुम्हारा यह लड़का काली जुबान का है। इसके बोलने से ही सब के साथ अनर्थ हो जाता है। सोनू सेठ ने श्याम को और उसकी माँ को ध्मकाया और वहाँ से चला गया।

सोनू सेठ अपने गृहप्रवेश कार्यक्रम के दौरान कोई घटना ना घटे इसके लिये पक्के इंतजाम करवाता है, पर किसी ना किसी तरह आग सोनू के मकान के परदों पर आग लग जाती है और वह इतना प्रचंड रूप ले लेती है कि पूरा मकान जल कर खाक हो जाता है। श्याम इस बार भी पहले के जैसे खूब मार खाता है। और उसे बूढ़नपुर से निकाल दिया जाता है।

श्याम को समझ नहीं आता की वह क्या करे लोगों को वह सब सच बताता है पर लोग उस पर क्रोध् क्यों करते है उसे मारते क्यों हैं। खैर श्याम दूसरे राज्य चला जाता है और उसे रात की पहर में महल की चौकीदारी का काम मिल जाता है। वहाँ के राजा को किसी काम से अगले दिन कोटा क्षेत्रा में जाना होता है। इसलिये राजा अपनी रानी को जल्दी उठाने के लिये कहते हैं।

श्याम महल की चौकीदारी कर रहा होता है और चौककीदारी करते वक्त उसे नींद आ जाती है और वह देखता है की कोटा क्षेत्रा में भूकंप आया है और वहाँ के सारे व्यक्ति मर गये हैं। श्याम की नींद खुल गई और वह चौकीदारी करने लगता है।

जब राजा कोटा क्षेत्रा के लिये निकलने वाले होते हैं तो श्याम उनसे सपने वाली बात कहता है। जिससे रानी राजा को जाने नहीं देती है कहीं कोई अनहोनी ना हो जाये। राजा अपना कोटा जाने का कार्यक्रम रद्द कर देते हैं।

अगले ही दिन समाचार आता है कि कोटा में अचानक भूकंप आ गया और वहाँ एक भी व्यक्ति जीवित नहीं बचा।

राजा श्याम को बुलाते हैं और श्याम को उपहार देते हैं और उसे नौकरी से निकाल देते हैं।

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